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Yamaha Rajdoot 350: भारत का सबसे पहला असली स्पोर्ट्स बाइक है, जिसका प्राइस 1.5 के अन्डर मे है

 

Yamaha Rajdoot 350: भारत का सबसे पहला असली स्पोर्ट्स बाइक है, जिसका प्राइस 1.5 के अन्डर मे है

 

भारत में मोटरसाइकिलों का सफ़र बहुत पुराना है, लेकिन अगर किसी बाइक ने लोगों के दिल में “पहला असली स्पोर्ट्स बाइक” के तौर पर जगह बनाया है, तो यह था, Yamaha Rajdoot 350। इसे 1980 के दशक में भारतीय बाजार में पेश किया गया था और तब से ही यह बाइक युवाओं की पहचान, रफ़्तार का प्रतीक और बाइकर्स के लिए एक सपना बन गया।

आज भले ही मार्केट में न्यू-न्यू सुपरबाइक्स आ गया है, लेकिन Yamaha Rajdoot 350 की लोकप्रियता और उसका कहानी अब भी मोटरसाइकिल लवर्स के लिए खास है। चलिए इस ब्लॉग में हम इसके इतिहास, फीचर्स, परफॉर्मेंस और भारतीय बाजार पर पड़े प्रभाव को विस्तार से समझते हैं।

Yamaha Rajdoot 350 का इतिहास

Yamaha Rajdoot 350 का असली नाम Yamaha RD 350 था। “RD” का मतलब था Race Developed, यानी यह बाइक सीधे-सीधे रेसिंग के लिए डिजाइन किया गया था। जापानी कंपनी Yamaha ने इसे 1973 में इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च किया और कुछ साल बाद 1983 में यह बाइक भारत में आया था ।

भारत में इसे Escorts Group ने Yamaha के साथ मिलकर Rajdoot नाम के तहत लॉन्च किया। इसी वजह से इसे “Yamaha Rajdoot 350” कहा गया।

उस दौर में भारत के लोग ज्यादातर 100cc और 150cc की माइलेज बाइक्स चलाते थे। Bajaj, Rajdoot (Standard), Jawa और Yezdi जैसे ब्रांड मार्केट में छाए हुए थे। लेकिन Yamaha Rajdoot 350 अपने दमदार इंजन और तेज स्पीड की वजह से बाकी सब बाइक्स से अलग खडा यह।

डिजाइन और लुक्स

Rajdoot 350 का डिजाइन उस जमाने की बाइक्स से काफी हटकर था।

कुल मिलाकर, Yamaha Rajdoot 350 का लुक्स युवाओं को अट्रैक्ट करने के लिए काफी था और यही वजह है कि यह जल्द ही “ड्रीम बाइक” बन गया था।

इंजन और परफॉर्मेंस

Yamaha Rajdoot 350 को भारत का पहला “स्पोर्ट्स बाइक” इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका इंजन और परफॉर्मेंस वाकई कमाल का था।

इस बाइक का पिक-अप, एक्सेलेरेशन और स्मूदनेस लोगों को रेसिंग का एहसास कराता था। यही वजह है कि Yamaha Rajdoot 350 को उस समय के “बुलेट” और “Jawa/Yezdi” से कई कदम आगे माना जाता था।

फीचर्स

उस समय के हिसाब से Yamaha Rajdoot 350 फीचर्स में भी काफी एडवांस था।

इन सभी फीचर्स ने मिलकर इस बाइक को उस दौर का “रेसिंग बीस्ट” बना दिया।

Yamaha Rajdoot 350 क्यों नहीं चल पाया भारत में?

इतना पावर और परफॉर्मेंस होने के बावजूद यह बाइक ज्यादा सफल नहीं हो पाया है। इसके पीछे कई कारण थे –

  1. कम माइलेज
    जहाँ उस समय की बाइक्स 50-60 kmpl का माइलेज देता था, वहीं Rajdoot 350 का माइलेज केवल 20-25 kmpl था।
  2. महंगी कीमत
    उस दौर में यह बाइक 18,000 से 20,000 रुपये तक मिलता था, जबकि Bajaj Chetak स्कूटर मात्र 7,000 रुपये में आ जाता था।
  3. मेंटेनेंस और पार्ट्स
    इसका इंजन एडवांस्ड था और इसे रिपेयर करवाना आम मैकेनिक के बस की बात नहीं था।
  4. ट्रैफिक और रोड कंडीशन
    भारत में तब हाईवे सड़कों की कमी थी, ऐसे में इतना स्पीड पकड़ने वाला बाइक लोगों को प्रैक्टिकल नहीं लगा।

इन्हीं कारणों से Rajdoot 350 की बिक्री ज्यादा नहीं हो पाया है, लेकिन जो लोग इसे खरीदते थे, उनके लिए यह प्रेस्टिज और पावर का सिंबल बन गया है।

भारतीय बाइक कल्चर पर असर

Rajdoot 350 भले ही ज्यादा बिक न पाया हो, लेकिन इसने भारतीय बाइकिंग कल्चर को बदल कर रख दिया।

Yamaha Rajdoot 350 की लेगेसी

आज Yamaha Rajdoot 350 को “Legendary Bike” कहा जाता है।

अगर आज यह बाइक नए फीचर्स और मॉडर्न टेक्नोलॉजी के साथ लॉन्च हो जाए, तो शायद यह फिर से भारत में हिट साबित हो।

निष्कर्ष

Yamaha Rajdoot 350 सिर्फ एक बाइक नहीं था, बल्कि यह भारत के मोटरसाइकिल इतिहास का एक मील का पत्थर था। यह उन दिनों मे आया, जब लोग स्पीड और स्पोर्ट्स बाइक के बारे में ज्यादा नहीं जानते थे। भले ही यह बाइक बिजनेस के मामले में सफल नहीं हो पाया था, लेकिन इसकी लेगेसी आज भी बाइक लवर्स के दिल में जिंदा है।

Yamaha Rajdoot 350 ने हमें सिखाया कि बाइकिंग सिर्फ सफर नहीं, बल्कि एक पैशन है। यही वजह है कि आज भी जब कोई इसकी आवाज़ सुनता है या सड़क पर इसे देखता है, तो दिल से एक ही आवाज आता है –
“वाह! यही है असली बाइक।” 

तो आपको यह बाइक YAHAMA RAJDOOT 350 केसा लगा क्या आप इसको लेना चाहेंगे तो यह कार स्पॉटस लवर्स के लिए बिल्कुल सही है और आप लोगो का क्या राय है हमे कमेन्ट बॉक्स मे जरूर बताए और आपको यह ब्लॉग केस लगा हमे जरूर बताए ताकि हम एसे ही ब्लॉग आपके बीच लेट रहे

 

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