GST me katoti se Modi ki chhavi ko mil sakta hai bada fayda, janiye kyu.

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GST me katoti se Modi ki chhavi ko mil sakta hai bada fayda, janiye kyu.

भारत की राजनीति और अर्थव्यवस्था अक्सर एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा रहा है। जब भी चुनाव करीब आते हैं, सरकारें आम जनता को राहत देने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कुछ बड़े फैसले लेता हैं। इसी संदर्भ में हाल ही में चर्चा तेज हो गया है कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) में कटौती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए न केवल आर्थिक मोर्चे पर सहायक हो सकता है, बल्कि उनका राजनीतिक छवि को भी और मजबूत बना सकता है।

अमेरिका का टैरिफ वार और भारत की चुनौती

अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर बढ़ाए गए टैरिफ (शुल्क) ने भारत की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ा दिया है। खासकर आईटी, टेक्सटाइल, स्टील और फार्मा सेक्टर पर इसका असर दिखाई दे रहा है। ऐसे समय में भारतीय कंपनियों को प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए घरेलू स्तर पर कुछ राहत चाहिए। यदि केंद्र सरकार GST दरों में कटौती करता है, तो यह उद्योगों की लागत कम करेगा और उन्हें वैश्विक स्तर पर टिके रहने में मदद मिलेगा।

इस तरह का फैसला अमेरिका जैसे बड़े व्यापारिक साझेदार के साथ चल रहे तनाव के बीच भारत को एक सकारात्मक संदेश देने का मौका भी देगा कि भारत अपना अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और निवेशकों को भरोसा दिलाने के लिए ठोस कदम उठा रहा है।

बिहार चुनाव का सियासी समीकरण

अगले कुछ महीनों में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाला हैं। बिहार का राजनीतिक समीकरण हमेशा से दिलचस्प रहा है। यहां की जनता विकास, रोज़गार और महंगाई जैसे मुद्दों पर खास ध्यान देता है। अगर मोदी सरकार इस समय GST में कटौती जैसी राहत देता है, तो इससे मध्य वर्ग, छोटे कारोबारी और व्यापारी वर्ग को सीधी राहत मिलेगा।

यह राहत बिहार जैसे राज्य में बीजेपी के लिए बड़ा राजनीतिक हथियार बन सकता है। व्यापारी वर्ग और छोटे कारोबारी लंबे समय से GST की ऊँची दरों को लेकर नाराज़गी जताते रहे हैं। अगर केंद्र सरकार उन्हें राहत देता है, तो यह नाराज़गी कम होकर वोटों में बदल सकता है।

मोदी की छवि को नया बल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि हमेशा से एक मजबूत और निर्णायक नेता का रहा है। उन्होंने अक्सर ऐसे फैसले लिए हैं जिनका सीधा असर आम जनता के जीवन पर पड़ा है। चाहे वह नोटबंदी हो, जीएसटी लागू करना हो या कोविड-19 के समय मुफ्त राशन योजना, मोदी ने हमेशा ऐसे कदम उठाए हैं जिन्हें जनता तक सीधे तौर पर महसूस किया जा सके।

अब अगर अमेरिका के टैरिफ वार और बिहार चुनाव से पहले GST में कटौती की घोषणा होता है, तो यह मोदी की छवि को जन-हितैषी और दूरदर्शी नेता के रूप में और मजबूत करेगा। यह कदम उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में प्रस्तुत करेगा जो अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से निपटने के साथ-साथ घरेलू जनता के हितों का भी ख्याल रखता है।

आर्थिक लाभ और निवेश का अवसर

GST कटौती का असर सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका सीधा फायदा अर्थव्यवस्था और निवेश को मिलेगा।

1. खपत बढ़ेगी – टैक्स घटने से प्रोडक्ट और सर्विसेस सस्ते होंगे। इससे मांग बढ़ेगी और बाजार में रौनक लौटेगा।

2. उद्योगों को राहत – खासकर MSME और छोटे कारोबारियों पर बड़ा असर पड़ेगा। उनका लागत घटेगा और वे ज्यादा प्रतिस्पर्धी बन पाएंगे।

3. निवेशकों का भरोसा – घरेलू और विदेशी निवेशकों को लगेगा कि भारत बिजनेस फ्रेंडली नीतियों की ओर बढ़ रहा है।

4. रोज़गार में बढ़ोतरी – मांग और उत्पादन बढ़ने से रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

 

विपक्ष की प्रतिक्रिया

हालांकि, यह भी साफ है कि अगर GST में कटौती होता है, तो विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बताकर आलोचना करेगा। वह कहेगा कि मोदी सरकार ने यह कदम सिर्फ बिहार चुनाव को ध्यान में रखकर उठाया है। लेकिन आम जनता के लिए यह मायने नहीं रखेगा कि राहत चुनावी वजह से मिला है या आर्थिक रणनीति के तहत। उन्हें बस यह महसूस होगा कि उनका जेब पर बोझ कम हुआ है।

निष्कर्ष

भारत आज दोहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है – एक ओर अमेरिका के टैरिफ वार से उपजा दबाव, और दूसरी ओर बिहार जैसे अहम राज्य में होने वाला चुनाव। ऐसे समय में अगर मोदी सरकार GST दरों में कटौती का फैसला लेता है, तो यह एक मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है। इससे न केवल अर्थव्यवस्था को गति मिलेगा, बल्कि बिहार चुनाव में बीजेपी को जनता का समर्थन हासिल करने में भी मदद मिलेगा।

सबसे बड़ा बात यह है कि इससे मोदी की छवि एक सशक्त और संवेदनशील नेता के रूप में और मजबूत होगा, जो अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बीच भी अपना जनता के हितों को प्राथमिकता देता है।

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