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पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े गैंगस्टर की हत्या, 34 सेकंड तक चली ताबड़तोड़ फायरिंग

पटना के पारस अस्पताल में दिनदहाड़े गैंगस्टर की हत्या, 34 सेकंड तक चली ताबड़तोड़ फायरिंग

पटना के सबसे सुरक्षित माने जाने वाले निजी अस्पतालों में से एक – पारस एचएमआईआई हॉस्पिटल – शुक्रवार की सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से दहल उठा। सुबह के करीब 7:15 बजे, अस्पताल के वार्ड नंबर 209 में भर्ती गैंगस्टर चंदन मिश्रा की पांच अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर डाला।ये वारदात न सिर्फ एक सनसनीखेज मर्डर थी, बल्कि कानून व्यवस्था पर भी एक सीधा सवाल है – आखिर कैसे एक बड़े प्राइवेट अस्पताल की सुरक्षा को चकमा देकर पांच हथियारबंद लोग वार्ड तक पहुंच गया?

सीसीटीवी में कैद हुआ पूरा हमला

घटना के बाद जैसे ही पुलिस ने अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, चौकाने वाले दृश्य सामने आए। पांचों हमलावर किसी फिल्मी सीन की तरह OPD के रास्ते होते हुए सीधे दूसरी मंजिल पर स्थित चंदन के वार्ड तक पहुंचे। उनके हावभाव और चाल से साफ था कि उन्हें पहले से पता था कि चंदन मिश्रा कहां और किस हालत में भर्ती है।एक हमलावर पीले रंग की टी-शर्ट में था, जबकि बाकी ने अलग-अलग रंग की टोपियां पहना हुआ था। चौंकाने वाला बात यह है। कि किसी ने चेहरा ढकने का जरूरत तक नहीं समझा। इनमें सबसे आगे चल रहा शूटर न टोपी पहना था और न ही नकाब – पूरी तरह बेखौफ।

वार्ड में घुसते ही मचा दी मौत की चीख

जैसे ही पांचों वार्ड 209 के सामने पहुंचे, सबने कमर से अपनी-अपनी पिस्टल निकाली और दरवाजे के सामने पोजिशन ले लिया और चंदन उस वक्त बेड पर लेटे आराम कर रहा था – उन्हें संभलने तक का मौका नहीं मिला।दरवाजा खोला गया और अगले 34 सेकंड तक लगातार गोलियों की बौछार होता रहा। चंदन को इतने पास से गोली मारा गया कि बेड से लेकर फर्श तक और दीवारें तक खून से सना हुआ था। इसके बाद शूटर उसी रूट से तेजी से भाग निकला।

गवाहों की आंखों में खौफ, वार्ड में छिपे अटेंडेंट

गोलियों की आवाज सुनकर अस्पताल में मौजूद लोग सहम गए। जो जहां था, वहीं दुबक गया। पास के एक मरीज के रिश्तेदार ने बताया कि जैसे ही उन्होंने गोली की आवाज सुना, उन्होंने दरवाजा खोला – लेकिन सामने हथियार लिए शूटर को देखकर फिर से बंद कर लिया और कमरे में छिप गया।वार्ड में मौजूद एक अटेंडेंट ने खुद को बाथरूम में छिपाकर खुद कि जान बचाया। अटेंडेंट ने बताया कि हमलावरों ने पूरा मैगजीन खाली कर दिया – पूरा कमरा धुएं से भर गया था।

दरवाजा नहीं होता था बंद, इसलिए आसान बना हमला

वारदात के बाद अस्पताल में अफरातफरी का माहौल था। कुछ ही देर में चंदन के रिश्तेदार और परिचित अस्पताल पहुंच गए। इनमें से एक युवक जो चंदन की देखभाल कर रहा था, डर के मारे कुछ बोल नहीं पा रहा था। उसके अनुसार, वार्ड का दरवाजा पूरा तरह से बंद नहीं होता था क्योंकि कुंडी खराब था – शायद इसी वजह से हमलावरों को वार्ड तक पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं हुआ।

निशाना सिर्फ चंदन था, कोई और घायल नहीं

घटना में हैरानी की बात यह है कि पूरे वार्ड में केवल चंदन को ही निशाना बनाया गया। आसपास के किसी मरीज या स्टाफ को नुकसान नहीं पहुंचाया गया – यह दर्शाता है कि हमलावर सिर्फ चंदन की हत्या करने के लिए ही आया था। और उन्होंने इस प्लानिंग के साथ इसे अंजाम दिया।

पुलिस जांच में जुटी, अस्पताल की सुरक्षा पर सवाल

फिलहाल पटना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान किया जा रहा है। लेकिन इस पूरी घटना ने एक बार फिर से सवाल खड़ा कर दिया है – क्या निजी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर है कि कोई भी हथियार लेकर इस तरह अंदर दाखिल हो सकता है?

निष्कर्ष

यह वारदात सिर्फ एक गैंगस्टर का हत्या नहीं था। बल्कि यह एक भयावह उदाहरण है कि कैसे अपराधी कानून और व्यवस्था को ठेंगा दिखाकर खुलेआम खून-खराबा कर सकता हैं। आने वाले दिनों में इस केस की जांच से जुड़े अपडेट और गिरफ्तारी की खबरों पर पूरे बिहार की नजर टिका रहेगा और ऐसी ही लेटेस्ट टेक अपडेट्स के लिए जुड़े रहिए!

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